Cash for query के चलते महुआ मोइत्रा लोकसभा से बाहर

“Cash for query” मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा शुक्रवार (8 दिसंबर) को लोकसभा से निष्कासित

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा

संसद की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट सदन में पेश की गई जिसके बाद टीएमसी सांसद Mahua Moitra को “कैश फॉर क्वेरी” मामले में शुक्रवार (8 दिसंबर) को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया इसके साथ ही उनकी संसद सदस्यता समाप्त हो गई। महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द होने के बाद विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया। इससे स्पष्ट है कि मामला अभी शांत नहीं होने वाला है।

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महुआ मोइत्रा का लोकसभा तक का सफर

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा

महुआ मोइत्रा ने 2009 में लंदन में जेपी मॉर्गन चेज में उपाध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद कांग्रेस का दामन थामकर राजनीती में प्रवेश किया हाँलाकि वे बहुत कम समय के लिये कांग्रेस मे रहीं उसके बाद वे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गईं। साल 2016 में Mahua Moitra पश्चिम बंगाल की करीमनगर से चुनकर विधानसभा पहुंची और फिर साल 2019 में पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से भाजपा प्रत्याशी कल्याण चौबे को हराकर लोकसभा में पहुंचीं।

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Mahua Moitra तेजतर्रार नेताओं में से एक हैं, वह लगातार सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार करने के लिए जानी जाती हैं। तेज अंग्रेजी के साथ कड़े शब्दों का इस्तेमाल और उनके फैशन प्रेम की वजह से वे हमेशा सुर्खियों में बनी रहती हैं।

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा

महुआ मोइत्रा का जन्म असम में बंगाली हिंदू परिवार में हुआ, शुरुआती जीवन उनका असम और कोलकाता में बीता इसके बाद वह अमेरिका चली गईं। इस तृणमूल नेत्री ने मैसाचुसेट्स के माउंट होलोके कॉलेज साउथ हेडली से अर्थशास्त्र और गणित में ग्रेजुएशन किया और फिर न्यूयॉर्क में बैंकर की नौकरी की। इसके बाद उन्होंने लंदन में जेपी मॉर्गन चेज के लिए एक निवेश बैंकर के रूप में काम किया। साल 2009 में लंदन में जेपी मॉर्गन चेज में उपाध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद उन्होंने राजनीतिक जीवन में प्रवेश किया। समय के साथ-साथ राजनीति मे उनका कद लगातार बढ़ता चला गया।

“Cash for query” क्या है?

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा

Mahua Moitra की सदस्यता संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में गई। पैसे लेकर सवाल पूछने को ही  “कैश फॉर क्वेरी” (Cash for query) नाम दिया गया है। हुआ ये कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। भाजपा नेता ने आरोप लगाया था कि कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर महुआ मोइत्रा ने संसद मे प्रश्न पूछे और अदाणी पर सवाल उठाए, यह एक आपराधिक कार्य है और यह साल 2005 के “Cash for query” कांड की याद दिलाता है।

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लोकसभा की आचार समिति (एथिक्स कमेटी) ने इस मामले को लेकर लोकसभा में रिपोर्ट पेश की, इस रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा के लोकसभा से निष्कासन की सिफारिश की गई थी। जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार किया। जिससे Mahua Moitra की लोकसभा सदस्यता समाप्त हो गई।

सदस्यता समाप्ति के बाद तृणमूल नेत्री महुआ मोइत्रा के कैसे हैं तेवर?

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा

उन्होंने सदस्यता रद्द होने के बाद कहा कि उनकी लड़ाई अभी जारी रहेगी। उन्होंने आगे कहा, अभी मैं 49 साल की हूं, मैं अगले 30 साल तक संसद के अंदर और संसद के बाहर आपसे लड़ती रहूंगी। Mahua Moitra तेजतर्रार नेताओं में से एक हैं।

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उन्होंने कहा कि “एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है। यह आपके (बीजेपी) अंत की शुरुआत है।” अगर मोदी सरकार सोच रही है कि मुझे चुप कराकर वे अदाणी के मुद्दे को खत्म कर देंगे तो मैं आपको बता दूं कि संसद ने पूरे भारत को केवल यह दिखाया है कि आपने यह जो जल्दबाजी और प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है, यह दर्शाता है कि अदाणी आपके लिए कितना जरूरी है। आप एक अकेली महिला सांसद को झुकाने के लिए और उसे रोकने के लिए किस हद तक परेशान कर सकते हैं।”

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